संत कारुदास मंदिर (कोरमत्थू), गया

Author : Neeraj Avinash   Updated: November 04, 2020   2 Minutes Read   19,100

बिहार के गया व आस पास के क्षेत्र में एक पुरानी कहावत बहुत प्रचलित है - " गया के राह कोरमत्थू " । इस कहावत की शुरुआत कब और कैसे हुई , ये किसी को नहीं पता। पर इतना स्पस्ट है कि इस कहावत के मूल में त्रेता युग की एक घटना है जब भगवान राम ने कोरमत्थु में विश्राम किया था।

गया जिले के बेलागंज ब्लॉक में कोरमत्थु एक छोटा सा ग्रामीण क्षेत्र है जो ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व रखता है। यहाँ से मंझार होते हुए बाबा कोटेश्वर नाथ धाम भी पहुंचा जा सकता है। कोटेश्वरनाथ मंदिर को सहस्त्रलिंगी महादेव के नाम से भी जाना जाता है।

कोटेश्वरनाथ मंदिर के बारे में जानें

ऐसा माना जाता है कि वन प्रवास के दौरान भगवान राम जब गया जी आ रहे थे तब कोरमत्थु में भगवान ने विश्राम किया था। कोरमत्थु में भगवान ने एक शिवलिंग भी स्थापित किया था जिसकी खोज में सिद्ध संप्रदाय के महान संत बाबा कारुदास हिमालय से कोरमत्थु के चैतवन आये थे। यहाँ एक मंदिर भी है जो बाबा कारुदास मंदिर के नाम से विख्यात है।

आस पास के क्षेत्र में कारुदास धाम की बहुत महत्ता है और प्रतिदिन भारी संख्या में भक्त जन बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने आते है।


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