बिहार के गया जिले में बेलागंज ब्लॉक स्थित बाबा कोटेश्वरनाथ का शिव मंदिर एक प्राचीन मंदिर होने के साथ ही ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मंदिर की जड़े द्वापर काल से जुडी मानी जाती है। मंदिर को सहस्त्रलिंगी महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
कोटेश्वरनाथ मंदिर बेलागंज में मोरहर और दरघा नदी के संगम पर स्थित है। राजधानी पटना से लगभग 90 किलोमीटर एवं गया से लगभग 30 किलोमीटर की दुरी पर कोटेश्वरनाथ मंदिर मेन - मंझार गाँव में स्थित है।
कोटेश्वरनाथ मंदिर का निर्माण 8वी शताब्दी का माना जाता है। मंदिर की प्रमुख विशेषता गर्भ गृह स्थित विशाल शिव लिंग है जो 1200 वर्ष पुराना माना जाता है।
मंदिर से एक अत्यंत रोचक तथ्य जुड़ा है जो द्वापर काल में भगवान कृष्ण से सम्बंधित है। प्रचलित कथाओं के अनुसार माना जाता है कि द्वापर काल में वाणासुर की पुत्री उषा इस मंदिर में भगवान शिव की आराधना किया करती थी। उषा की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उषा का विवाह भगवान कृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध के साथ होने का आशीर्वाद दिया। भगवान शिव ने उषा को यहां एक सहस्त्र लिंग स्थापित करने का निर्देश दिया। ऐसा माना जाता है कि इस विशाल शिव लिंग की स्थापना उषा द्वारा ही कराया गया था।
वैसे तो सालो भर मंदिर में शिव भक्त बाबा के दर्शन करने आते है पर सावन के महीने में शिव भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ती है। सावन महीने में यहाँ एक विशाल मेला का भी आयोजन होता है।
आस पास के क्षेत्र में कोटेश्वरनाथ मंदिर की बहुत मान्यता है और माना जाता है कि यहाँ दर्शन करने वाले भक्तो को सहज ही भगवान शिव का आशीर्वाद मिल जाता है।
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