बिहार का गया जिला अपने आप में अद्भुत है जहां का हर एक क्षेत्र ही ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्व रखता है। गया जिले के बेलागंज ब्लॉक स्थित मेन - मंझार क्षेत्र विश्व भर में शैव परंपरा का प्रमुख स्थान माना जाता है। यह क्षेत्र विश्व भर के शैव पंथ के जागृत स्थानों में एक है। इस क्षेत्र में कई प्राचीन शिवलिंग स्थित हैं जिनके बारे में मान्यता है कि वे स्वतः प्रकट हुए हैं। आज भी इस क्षेत्र में प्रत्येक वर्ष छोटे या बड़े कई शिवलिंग स्वतः प्रकट होते है जो वैज्ञानिको के मध्य भी आश्चर्य का विषय है।
माना जाता है कि इस प्रकार स्वतः प्रकट हुए शिवलिंग की संख्या लगभग 127 है जिनमे कुछ छोटे हैं और कुछ बड़े। वैसे तो सभी शिवलिंग महत्वपूर्ण है पर इनमें 3 शिवलिंग अत्यंत महत्वपूर्ण हैं - कोटेश्वरनाथ , खेतेश्वर महादेव , तथा गौरी शंकर।
कोटेश्वरनाथ मंदिर के बारे में जानें
मंझार स्थित खेतेश्वर महादेव मोरहर नदी के किनारे पर स्थित है। खेतेश्वर महादेव की विशेषता है कि बाढ़ के पानी में भी शिवलिंग नहीं डूबता है। लगभग प्रत्येक वर्ष वर्षा ऋतू में मोरहर नदी में बाढ़ आती है , तब आस पास की ऊँची पहाड़ियां भी नदी के पानी में डूब जाती हैं , पर खेतेश्वर महादेव कभी नहीं डूबता।
इस कारण पुरे मेन मंझार क्षेत्र में खेतेश्वर महादेव भी कोटेश्वरनाथ महादेव के समान ही महत्त्व रखता है।
सावन के महीने में खेतेश्वर महादेव में शिव भक्तों का मेला उमड़ पड़ता है।
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