शंख के औषधिय-लाभ

Author : Acharya Pranesh   Updated: April 16, 2020   2 Minutes Read   16,430

शंख के औषधिय-लाभ 

गूँगापन: गूँगे व्यक्ति के द्वारा  प्रतिदिन 2-3 घंटे तक शंख बजवायें। एक बड़े शंख में 24 घंटे तक रखा हुआ पानी उसे प्रतिदिन पिलायें, छोटे-छोटे  शंखों की माला बनाकर उसके गले में पहनायें तथा 50 से 250 मि.ग्रा. शंखभस्म सुबह शाम शहद साथ चटायें। इससे गूँगापन दूर होता है। एक से 2 ग्राम आँवले के चूर्ण में 50 से 250 ग्राम  शंखभस्म मिलाकर सुबह शाम गाय के घी के साथ देने से तुतलेपन में लाभ होता है।
बल-पुष्टि-वीर्यवर्धक: शंखभस्म को मलाई अथवा गाय के दूध के साथ लेने से बल-वीर्य में वृद्धि होती है।
पाचन, भूख बढ़ाने हेतु: छोटी पीपर का 1 ग्राम चूर्ण एवं शंखभस्म सुबह शाम शहद के साथ भोजन के पूर्व लेने से पाचनशक्ति बढ़ती है एवं भूख  लगती है।

पेट दर्द: 5 ग्राम गाय के घी में 1.5 ग्राम भुनी हुई हींग और  शंखभस्म लेने से पेट दर्द में आराम मिलता है । नींबू के रस में मिश्री एवं शंखभस्म डालकर लेने से अजीर्ण दूर होता है। गरम पानी के साथ शंखभस्म देने से भोजन के बाद का पेटदर्द दूर होता है।
आमातिसार: 1.5 ग्राम जायफल का चूर्ण, 1 ग्राम घी एवं शंखभस्म एक एक घण्टे के अंतर पर देने से मरीज को आराम होता है।
प्लीहा में वृद्धि: अच्छे पके हुए नींबू के 10 मि.ली. रस में शंखभस्म डालकर पीने से कछुए जैसी बढ़ी हुई प्लीहा भी पहले की तरह  होने लगती है।

तो ये रहे शंख के वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक फायदे 


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