गौमूत्र के औषधीय गुण

Author : Gayaji Dham   Updated: March 24, 2021   2 Minutes Read   21,840

आयुर्वेद एक ऐसी चिकित्सा प्रणाली है जिसमें प्रकृति में नैसर्गिक रूप से उपलब्ध तत्वों का उपयोग चिकित्सा में किया जाता है। प्रकृति में अनगिनत ऐसे पदार्थ हैं जिनमें औषधीय गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

ऐसा ही एक प्राकृतिक पदार्थ गौमूत्र है जिसे आयुर्वेद में संजीवनी की संज्ञा दी गई है। अपने अद्भुत औषधीय गुणों के कारण ही गौमूत्र को अमृत तुल्य माना गया है। 

गौमूत्र में मुख्यतः यूरिआ ,यूरिक एसिड , पोटैशियम, मैग्नीशियम , फॉस्‍फेट, अमोनिया, केरोटिन, स्वर्ण क्षार आदि अनेक औषधीय तत्व पाए जाते हैं। इसका नियमित सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है , कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में सहायक होता है तथा नवीन ऊर्जा का संचार करता है।

आयुर्वेद में रोग का कारण शरीर में वात ,कफ तथा पित्त के असंतुलन को माना गया है। गौमूत्र शरीर के इस असंतुलन को दूर करता है और परिणाम स्वरुप शरीर निरोग होता है।

गौमूत्र का उपयोग वैसे तो नियमित किया जा सकता है किन्तु कुछ रोगों में गौमूत्र का सेवन श्रेष्ठ प्रभावी होता है। गौमूत्र का नियमित सेवन शरीर में रासायनिक क्रियाओं को नियंत्रित करने में भी सहायक माना गया है। आसान शब्दों में गौमूत्र के उपयोग को कीटनाशक (एंटी सेप्टिक ) की तरह भी माना जा सकता है।

गौमूत्र के मुख्य उपयोग

  1. मसूड़ों की सूजन , पायरिआ में गौमूत्र का सेवन प्रभावी होता है।
  2. श्वशन सम्बन्धी रोगों में भी गौमूत्र प्रभावी सिद्ध होती है। खांसी जुकाम में हलके गुनगुने पानी में लगभग 20 ml गौमूत्र मिलाकर लिया जा सकता है।
  3. ह्रदय संबंधी रोगों में गौमूत्र का सेवन बहुत लाभकारी होता है। ह्रदय रोगिओं को सुबह शाम गौमूत्र का सेवन करना चाहिए।
  4. मधुमेह (sugar / diabetes ) रोग में भी गौमूत्र विशेष प्रभावी है। खाली पेट गौमूत्र का नियमित सेवन मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
  5. गौमूत्र कैंसर के उपचार में भी लाभकारी सिद्ध हुआ है। गौमूत्र में Curcumine नाम का तत्व पाया जाता है (हल्दी में भी यही Curcumine तत्व पाया जाता है ) । Curcumine Oxidation को नियंत्रित करने में सहायक होता है ,शरीर में होने वाले oxidation को कम करता है जो कैंसर की रोकथाम में लाभकारी है।
  6. आजकल की जीवन शैली में मोटापा एक आम समस्या बन गई है। यदि आप मोटापा से परेशान हैं तो गौमूत्र मोटापा कम करने में भी अत्यंत उपयोगी होता है।
  7. पाचन तंत्र से सम्बंधित समस्याओं में तो गौमूत्र वरदान माना गया है। पाचन तथा पेट से सम्बंधित रोगों में गौमूत्र का सुबह शाम खाली पेट सेवन श्रेष्ट प्रभावशाली होता है।

गौमूत्र को एक प्राकृतिक टॉनिक भी माना जा सकता है जो औषधिओं के प्रभाव को बढ़ाता है।


Disclaimer! Views expressed here are of the Author's own view. Gayajidham doesn't take responsibility of the views expressed.

We continue to improve, Share your views what you think and what you like to read. Let us know which will help us to improve. Send us an email at support@gayajidham.com


Get the best of Gayajidham Newsletter delivered to your inbox

Send me the Gayajidham newsletter. I agree to receive the newsletter from Gayajidham, and understand that I can easily unsubscribe at any time.

x
We use cookies to enhance your experience. By continuing to visit you agree to use of cookies. I agree with Cookies