पौराणिक नगरी दुर्जया

Author : Acharya Pranesh   Updated: June 05, 2020   3 Minutes Read   28,400

दुर्जया एक पौराणिक नगरी का नाम है जो संभवतः आज की उत्तरी गुवाहाटी हो। ये पाल साम्राज्य में कामरूप की राजधानी रही हो। दुर्जया का उल्लेख महाभारत में भी आया है। 

महाभारत के वनपर्व में दुर्जया का सन्दर्भ देखने को मिलता है। ऐसा इस श्लोक से पता चलता है 

'तत: स संप्रस्थितो राजा कौन्तेयो भूरिदक्षिण: अगस्त्याश्रममासाद्य दुर्जयायामुवास ह' . ( महाभारत, वनपर्व 96, 1 )

अर्थात् "गया से चलकर प्रचुर दक्षिणा दान करने वाले युधिष्ठिर ने अगस्त्याश्रम में पहुँच कर दुर्जयापुरी में निवास किया।"

ऐसा माना जाता है कि यह प्राचीन नगरी बिहार में राजगृह के निकट अवस्थित रही होगी। इसका कोई ठोस प्रमाण तो नहीं मिलता है पर संभव है कि दुर्जया को ही महाभारत के वनपर्व 69 ,4 में मणिमती नगरी कहके सम्बोधित किया गया हो। 

प्राचीन  मान्यताओं के आधार पर मणिमति नगरी को नागों की उपासना के लिए प्रसिद्ध माना गया है। 


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