बिहार के गया जिले में टिकारी प्रखंड स्थित केसपा गांव एक अत्यंत ही प्राचीन ग्रामीण क्षेत्र है जिसका इतिहास भी अद्भुत है। केसपा गांव का नामकरण महर्षि कश्यप के नाम पर हुआ माना जाता है। प्राचीन काल में केसपा क्षेत्र महर्षि कश्यप की तपोभूमि थी जहां कश्यप ऋषि का आश्रम स्थित था।
केसपा जिला मुख्यालय गया से लगभग 35 किलोमीटर और टिकारी से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर में स्थित है। केसपा में माता तारा का एक प्राचीन मंदिर भी स्थित है जिसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना कश्यप ऋषि द्वारा की गई थी।
इस मान्यता का आधार वो लिपि है जिसमें माता के मंदिर की दीवार पर कुछ लिखा हुआ है। आज अनेक शोधों के बाद भी इतिहास तथा पुरातत्व विशेषज्ञों के मध्य ये लिपि एक अबूझ पहेली है।
अनेक पुरातत्व विशेषज्ञ इस लिखावट को समझने के क्रम में कई शोध कर चुके है पर जिस लिपि में ये लिखा गया है उसे आज तक नहीं समझ पाए हैं। ये लिपि भाषा के जानकारों के मध्य आज भी एक रहष्य बना हुआ है।
माता तारा ऋषि कश्यप की आराध्य देवी मानी जाती हैं।
प्राचीन काल में केसपा का नाम कश्यप पुरी हुआ करता था जिसे बाद में कश्यपा कहा जाने लगा।
कालांतर में आज ये केसपा के नाम से जाना जाता है।
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