वैज्ञानिक विचारो का संरक्षण

Author : Acharya Pranesh   Updated: December 30, 2020   3 Minutes Read   20,650

आर्यावर्त में प्रतिभा की कभी भी कमी नही रही है , न पहले थी और न वर्तमान में ही है। प्रतिभा की प्रचुरता होने के बावजूद भी प्रतिभा का असमय तथा अपूर्ण मार्गदर्शन ही वे मूल कारण हैं जिसकी वजह से भारतवर्ष में अनेकों प्रतिभाशाली अपने उचित स्थान तक नहीं पहुंच पाते और यत्र तत्र भ्रमित होते हैं।

प्राचीन काल के साथ ही मध्य काल में भी राजा और धनाढ्य नागरिक प्रतिभा को उचित सम्मान और उनका आर्थिक संरक्षण करते थे। प्रतिभा को समुचित मार्गदर्शन मिल सके, इसकी समुचित व्यवस्था को अपना उत्तरदायित्व समझा जाता था। 

उस काल में प्रतिभा का संरक्षण होता था जिस कारण उस दौर में प्रतिभा का क्षय न के बराबर था। उदहारण स्वरुप महर्षि भरद्वाज, अग्स्यत ऋषि, विश्वामित्र जैसे अनेकों महापुरुष का वर्णन ग्रंथों में उपलब्ध है।

आधुनिक मध्य काल में भी कई उदहारण हैं जिनमें चाणक्य , अर्याभट , वाराहमिहिर आदि प्रमुख हैं। उस काल में उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था , लेकिन आज परिस्थति कुछ अलग हो गई है। 

वर्तमान में यदि कोई नए विचार की बात करे तो उसे हेय दृष्टि से देखा जाता है, प्रायः लोग उसका मजाक बनाते हैं। ये एक महत्वपूर्ण कारक है जिस कारण हमारे देश की असंख्य प्रतिभा का उचित उपयोग नहीं हो पा रहा। यही नहीं कितनी ही सुयोग्य प्रतिभा तनाव का शिकार हो जा रही और अवसाद की अवस्था में लाचार होकर विदेशी बहुद्देशीय कल-कारखानों में कार्य करने को अपने जीवन का एकमात्र विकल्प समझने को विवश हो जाती है।

आज हर व्यक्ति C.V. रमण , सतीश धवन , होमी जहागीर भाभा और कलाम बनना चाहता है , पर ये विडम्बना है कि उसे उचित समय पर उचित सहायता तथा मार्गदर्शन नहीं मिल पाता।

यदि भारत की प्रतिभा का संरक्षण नही किया गया तो देश को वैचारिक गुलामी की स्थिति में जाते देर नहीं लगेगी। हमारे देश की असंख्य प्रतिभा उचित मार्गदर्शन के आभाव में गुमराह हो रही है जिसे रोकना अवश्यम्भावी है जो हमारा परम ध्येय है।

हमारे साथ आइये और गुरुकुल की परिकल्पना को चित्रित करने में सहयोगी बनिए। हमारा उद्देश्य वैज्ञानिक विचारो को समुचित मार्गदर्शन , संरक्षण प्रदान करने की है , आप भी इस उद्देश्य में सहभागी बनिए।

जरुरी नहीं कि आर्थिक सहयोग ही हो , यदि आप किसी प्रतिभा से परिचित हैं जिसे उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता हो, आप मानसिक सहायता तो कर ही सकते हैं , आप हमें भी बता सकते हैं , हम यथायोग्य सहायता उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।


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