वैदिक ज्योतिष में नौ ग्रह होते हैं। जातक की कुंडली में हर ग्रह का अपना महत्त्व माना गया है। कई बार ऐसा सुनने में आता है जब सामान्य जन की ये धारणा होती है कि एक ग्रह अधिक महत्वपूर्ण है जबकि दूसरा कम महत्त्व का है।
ये पूरी तरह से एक गलत धारणा है। ज्योतिष शाश्त्र में हर ग्रह महत्वपूर्ण है और किसी भी ग्रह के प्रभाव को कम या अधिक करके नहीं समझना चाहिए।
इन्ही में एक महत्वपूर्ण ग्रह है बुध । जातक की कुंडली में बुध व्यक्ति की बुद्धि , वाणी का कारक ग्रह माना गया है।
इसके अतिरिक्त बुध ग्रह व्यक्ति की व्यापारिक क्षमता , गणित , व्यापार , धन सम्पदा इत्यादि को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यदि जातक की कुंडली में बुध ग्रह की स्तिथि अच्छी न हो अथवा बुध किसी अन्य विपरीत ग्रह के प्रभाव में आ रहा हो तो व्यक्ति के जीवन में कठिनाई आती है।
जब बुद्धि विवेक ही दूषित हो जाये तो जीवन में कठिनाई का आना अवश्यम्भावी है। ज्योतिष शाश्त्र में बुध के दोष को दूर करने के अनेक उपाय बताये गए हैं। एक सरल उपाय है गणपति की आराधना करना। गणेश पूजा से बुध शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
यदि आप व्रत करने में सक्षम हों तो आप बुध को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए बुधवार का व्रत भी कर सकते हैं।
बुधवार का व्रत जीवन में सर्व सुखों को पूरा करने वाला मनोकामना पूर्ति व्रत माना गया है।
बुधवार व्रत करने से व्यापार में वृद्धि होती है तथा धन आगमन के नए स्रोत बनते हैं। विद्यार्थिओं को बुध ग्रह की आराधना अवश्य करनी चाहिए।
यदि आप भी अपने व्यापारिक जीवन में उन्नति करना चाहते हों तो पुरे विधान के साथ बुधवार का व्रत कर सकते हैं। आपके जीवन में भी अवश्य ही सकारात्मक परिणाम दिखेंगे।
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