Medicinal benefits of Cow Urine

Author : Acharya Pranesh   Updated: December 01, 2019   3 Minutes Read   17,180

आज इस लेख के माध्यम से मैं आपको बताना चाहता हु की गौमूत्र ( cow urine ) हमारे लिए कितनी उपयोगी है. यदि आपके बच्चे की नाक बहुत बहती है या बार बार सर्दी जुकाम होता है. यदि नाक बहुत ज्यादा बहती हो, सर्दी जुकाम हो तो गाय के घी का एक बूँद नाक मैं डाल दे, सर्दी जुकाम ऐसे गायब होगा जैसे गधे के सिर से सींग.

अगर नींद नही आती या अच्छी नींद लेनी है, गहरी नींद लेनी है गाय का घी एक बूँद नाक में डालकर सो जाओ बहुत गहरी नींद आयेगी. आपके घर में किसी को खर्राटे की समस्या हो इसका बहुत आसान सा उपाय है, जिनको भी खराटे आते हैं तो रात में गाय का घी एक बूँद नाक में डाल लो 3 दिन बाद चौथे दिन से खराटे आने बंद हो जाएंगे.

अगर आपके बाल झड़ते हैं तो गाय का दूध लें, उसकी दही बना ले. उस दही को 5-6 दिन तांबे के बर्तन में रहने दो. दही का रंग हरा  हो जायेगा. फिर उस दही को बालों में लगाओ फिर 1 घंटे बाद शिकाकाई से बाल धो लो हफ्ते में ऐसा 4 बार करें और बाल टूटना एक ही हफ्ते में बंद हो जायेंगे. भविष्य में बाल न टूटें, अच्छे रहें, दरुस्त रहें, तंदरुस्त रहें तो महीने में एक बार या फिर दो बार गाय के मूत्र  से बाल धो लें. गौ मूत्र बहुत अच्छा नेचुरल कंडीशनर है. तो जैसे कंडीशनर यूज करते हैं वैसे ही गौमूत्र का इस्तेमाल करें गाय के मूत्र में थोडा घी मिला लें और जैसे कंडीशनर यूज करते हैं वैसे ही इस्तेमाल करें.

अगर बच्चों की पसलियाँ बहुत ही तकलीफ में हो, जैसे कि कई बार पसलियों में बलगम जम गया तो एक  चम्मच गौ मूत्र पिला दें. एक ही दिन में बलगम बाहर आ जाएगी. यदि बड़ों को बलगम की समस्या हो तो आप आधे कप तक पी सकते हैं.

इसके बाद जितने भी किडनी या मूत्र सम्बंधित रोग है इनमें सबसे अच्छी दवा है गौमूत्र. जैसे अगर पेशाब थोडा थोडा आता है गौमूत्र पीना शुरू करे पेशाब  खुल के आएगा. पेशाब में जलन होती है गौमूत्र के सेवन से जलन भी बंद हो जाएगी. पेशाब अगर लाल रंग का आता हो तो उसमे भी गौमूत्र काफी कारगर है, सेवन के कुछ ही दिनों के उपरांत , पेशाब का रंग नार्मल हो जाएगा. मूत्र के लगभग 22-23 रोगो में गौमूत्र का सेवन काफी कारगर है.

यदि आपको कब्जियत होती है, पेट साफ़ नही हो रहा है तीन दिन आधा आध कप गौमूत्र का सेवन करे देखिये आपका पेट एकदम साफ होगा और कब्जियत की समस्या जड़ से समाप्त हो जाएगी .

फिर यदि आपके शरीर में बीसियों रोग हैं वात, पित्त और कफ के. पित्त के रोगी विशेष ध्यान दे कि जब वे गौमूत्र लें तो गौ का घी ज्यादा उपयोग करें. पेट में गैस बन रही है या एसिडिटी बन रही है ये रोग पित्त के रोग हैं. यदि इसे ठीक करने के लिए गौ मूत्र का उपयोग कर रहे हैं तो घी ज्यादा खाएं.

यदि आपके शरीर पे जितने भी सफ़ेद दाद या धब्बे है, और आप इनसे निजात पाना चाहते है, बड़ा ही आसान सा गौमूत्र का प्रयोग करे, सब ठीक हो जायेंगे. आँखों के नीचे डार्क सर्किल है रोज सुबह आँखों के नीचे लगा लें. डार्क सर्किल चले जायेगे खाज-खुजली या दाद हो गये हैं तो थोड़ी मालिश करिए तुरंत लाभ मिलेगा.

नोट : ध्यान यहाँ सभी जगह सिर्फ देशी गाय के घी, मूत्र का ही जिक्र किया गया हैं किसी अन्य नस्ल की गाय का घी, मूत्र उपयोगी नही है.

वागभट्ट जी कहते हैं आँख का कोई भी रोग सभी कफ के रोग है जैसे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रेटिनल डीटेचमेंट जिसका तो दुनिया में कोई भी इलाज है ही नही ऑपरेशन भी नही है. अगर अमेरिका भी चले जायें इलाज के लिए तो डॉक्टर भी कहेंगे operation तो कर देंगे लेकिन विज़न आने की कोई गारंटी नही है, और आँखों का लाल होना आँखों से पानी आना आँखों में जलन होना तो ऐसी छोटी से लेकर बड़ी बीमारी ये सभी गौमूत्र से ठीक होती हैं

नेत्र के रोगो को में गौमूत्र किसी वरदान से कम नहीं और सिर्फ कंट्रोल ही नही क्योर(cure) होती है जड़ से खत्म होती है. आपको बस करना इतना ही है कि देसी गाय का मूत्र कपडे से छानकर एक एक बूँद आँख में डालनी है सवा  महीने में चश्मे का नंबर बदल जायेगा और 3 महीने में चश्मा उतर जायेगा.

ग्लूकोमा 4 सवा 4 महीने में बिलकुल ठीक होता है. केटरेक्ट अगर ठीक करना हो तो 6 महीने में ठीक हो जायेगा और रेटिनल डीटेचमेंट अगर ठीक करना हो तो 1 साल से डेढ़ साल तक लगता है लेकिन लगातार डालते रहिये 1-1 बूँद गौमूत्र डालते रहिये.

बच्चों के अगर कान बह रहे हैं कान से अगर मवाद निकल रहा है तो 2 या 3 दिन 1-1 बूँद सुबह शाम डाल दीजिये मवाद निकलना बंद हो जायेगा.

किसी भी अन्य जानकारी या सहायता के लिए निःसंकोच संपर्क कर सकते है.


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