गया जी, विष्णु नगरी है जहाँ ब्रह्मा द्वारा नियुक्त पुरोहितों का वास, ब्रत्या काल से आ रहा है । विष्णु - चरण की महत्ता अपूर्व है । चूंकि विष्णु - पद का चरण - तल- चिन्ह मूल अवस्था में दृष्यमान नहीं है , अत: प्रतिदिन शाम को चरण - चिन्ह का ऋंगार होता है, जिसमें चरण - प्रदेश पर चन्दन, कुमकुम वगैरह का लेप लगाकर , उन पर चरण - तल - चिन्ह अंकित किये जाते हैं , तब तुलसी से अभिषेक किया जाता है ।
भगवान् विष्णु के दाहिने पैर के तलवे में अंकित पवित्र चरण - चिन्ह :
( 1 ) स्वस्तिक ( 2 ) छाता ( छत्री ) ( 3 ) चक्र ( 4 ) जौ का दाना ( बीज ) ( 5 ) अंकुश ( 6 ) ध्वज ( पताका या झंडा ) ( 7 ) वज्र ( अशनि ) ( 8 ) जम्बू फल ( जाम फल ) ( 9 ) एक सीधी रेखा ( एक खड़ा स्तम्भ ) (10) कमल का फूल ।
Holy marks on the sole of the right foot of The Lord Vishnu :
(1) A Swastika (2) An Umbrella (3) A Discus (4) A Grain of Barley (5) An Elephant - Goad (6) A Flag (7) A Thunder Bolt (8) A Jambu Fruit (9) An Up right Line (10) A Lotus
बायें चरण - तल - चिन्ह :
( 1 ) अर्ध चन्द्र ( नवचन्द्राकार ) ( 2 ) जल पात्र ( घड़ा ) ( 3 ) त्रिकोण ( 4 ) धनुष ( 5 ) आकाश ( व्योम ) ( 6 ) मवेशी के पैरों के निशान ( 7 ) मछली ( 8 ) शंख ( 9 ) अष्टकोण ।
Holy marks on the Sole of the Left foot of The Lord Vishnu :
(1) A Crescent (2) A Water Pot (3) A Triangle (4) A Bow (5) The Sky (6) The Foot Marks of a Cattle (7) A Fish (8) A Conch - Shell (9) An Octagon
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