Dont ignore Acidity, can cause Heart attack

Author : Acharya Pranesh   Updated: December 11, 2019   2 Minutes Read   15,500

महर्षि बागभट्ट ने सुबह दूध पीने को मना करते हैं लेकिन हर सुबह हम जो चाय पीते हैं उसमें भी दूध का प्रयोग होता है । बाग़भट्ट जी के किसी भी सूत्र और शास्त्र में चाय का उल्लेख नही मिलता क्योंकि बाग़भट्ट जी 3500 वर्ष पहले हुए और चाय लगभग 300 साल पहले अंग्रेजों के द्वारा लाइ गयी।

लेकिन बागभट जी ने अपने सूत्रो में काढ़े का जीक्र किया है और कहते है की जो काढ़ा हमारे वात पित्त और कफ को कम करे ऐसा कोई भी काड़ा सुबह दूध में मिलाकर पिया जा सकता है जैसे कि अर्जुन की छाल का काढ़ा वात को सबसे ज्यादा कम करता है  यह रक्त की एसिडिटी को कम करता है जो की शरीर की एसिडिटी से भी ज्यादा खतरनाक होती है और हार्ट अटैक का कारण बनती है । अर्जुन की छाल सबसे तेजी से रक्त की एसिडिटी को ख़त्म करता है इसलिए अर्जुन की छाल का काढ़ा पीयें।

नवम्बर, दिसम्बर ,जनवरी और फ़रवरी के महीनों में वात सबसे ज्यादा होता है ठण्ड के दिनों में वायु का प्रकोप सबसे ज्यादा होता है और इस समय में अर्जुन की छाल का काढ़ा गर्म दूध में मिलाकर पीयें तो ये औषधि का काम करेगा। याद रहे की यह काढे की तासीर हमेशा गर्म होती है इसलिए इसे ठण्ड के समय में ही प्रयोग करें हमारे देश में कोई भी ठंडा काढ़ा नही होता यदि आप सुबह दूध पीना ही चाहते है तो अर्जुन की छाल के काढे के साथ पीयें।

इससे आपको दो फायदे होंगे भविष्य में आपको हार्ट अटैक कभी नही होगा और अब तक आपने जो बेकार चीजें खाई हैं ये उसे शरीर से साफ़ कर देगा क्योंकि यह काढ़ा रक्त को साफ़ करता है और शरीर में सबसे ज्यादा कचरा (कोलेस्ट्रोल) रक्त में ही होता है।

सबसे बड़ी बात तो ये है कि अर्जुन की चाय काफी सस्ती मिलती है, जो आप पंसारी की दुकान से ले सकते है और चाय 200 रूपये किलो मिलती है और 1400 रूपये किलो कॉफ़ी मिलती है इसलिए सुबह ठण्ड में चाय की जगह अर्जुन की छाल का काढ़ा दूध के साथ पीयें।

किस तरह करें सेवन  

एक गिलास दूध और आधा चम्मच अर्जुन की छाल का पाउडर ले और अगर इसमें गुड़ मिलायेंगे तो बहुत अच्छा । यदि गुड़ न मिले तो काकवी(तरल गुड़)का प्रयोग कर सकते है यदि ये भी न मिले तो खांड या फिर बुरा (राजस्थान,बिहार,यू.पी. वाला चीनी वाला नही). 

ध्यान रहे चीनी का इस्तेमाल न करे अगर मिश्री मिले तो वह गुड़ से भी अच्छा होता है अगर सोंठ है तो उसे भी मिलाया जा सकता है जिससे वह और भी उत्तम क्वालिटी का बन जायेगा क्योंकि अर्जुन की छाल और सोंठ दोनों ही वात नाशक है

जाने कौन से रोगों से मिलेगा छुटकारा

इसे पीने से शरीर के वात से संबंधित सभी रोग जैसे घुटने का दर्द, कंधे का दर्द, डाईबीटीस, हार्ट अटैक ये सब वात के रोग हैं, इनमे काफी लाभ मिलेगा। 

 


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