बिहार के गया जिले में जिला मुख्यालय से लगभग 35 किलोमीटर पूर्व में टनकुप्पा प्रखंड के अंतर्गत चोवार गांव स्थित है जहां का बाबा बालेश्वरनाथ मंदिर अपने आप में अद्भुत है। बालेश्वरनाथ मंदिर में देवों के देव महादेव विराजमान हैं।
इस मंदिर में नित्य ही भोले बाबा का अभिषेक किया जाता है ,पर बाबा को किये अभिषेक का जल कहा जाता है , इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है और ये रहस्य कौतुहल का विषय है।
पिछले हज़ारों वर्षों से नित्य ये घटना घटित होती रही है। अनेक वैज्ञानिक भी कई बार इस अद्भुत घटना की जाँच कर चुके हैं परन्तु निरुत्तर रहे हैं। अनेक शोधों के पश्चात भी ये आज भी रहस्य बना हुआ है। इसे भगवान शिव का चमत्कार माना जाता है।
कुछ वर्ष पूर्व गांव में सड़क निर्माण का कार्य हो रहा था। खुदाई के क्रम में एक बड़ा घड़ा पाया गया था ,जो चांदी के सिक्कों से भरा था। चांदी के सिक्कों के अतिरिक्त कई अति प्राचीन अष्टधातु की मूर्तियां भी खुदाई में पाई गई है।
चोवार गांव की परिधि में ही मंदिर के समीप स्थित विशाल ताड़ का पेड़ अपने आप में विशेष है। इस ताड़ के पेड़ का त्रिशाखा युक्त होना इसे अन्य ताड़ के पेड़ों से अलग करता है।
इसकी तीन शाखाएं भगवान शिव के त्रिशूल का प्रतिरूप मानी जाती हैं। तीन शाखाओं वाला ताड़ का यह पेड़ न सिर्फ चोवार गांव बल्कि आस पास के क्षेत्र की भी शोभा बढ़ाता है और पूजनीय माना जाता है।
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