होली के अवसर पर कई ऐसे उपाय व टोटके किये जाते है जो काफी लाभकारी माने जाते है। ऐसी मान्यता है की होली पर किये जानेवाले टोटके विशेष प्रभावशाली होते है और उनका समुचित लाभ भी होता है। आज मैं आपको कुछ विशेष कार्यों के लिए बहुत ही सरल टोटके बताने जा रहा हु जिनका प्रयोग करके आप भी अभीष्ट प्रयोजन को पूरा कर सकते है।
शीघ्र विवाह के लिए
5 गोमती चक्र, 5 गांठ वाली हल्दी ले। इन्हे लाल कपड़े में बांधकर एक पोटली बना ले। फिर इस पोटली को श्री कृष्ण मंदिर में ले जाकर भगवान श्री कृष्ण के चरणों में रखे। भगवान श्री कृष्ण से प्रार्थना करें और फिर उस पोटली को अपने साथ लेकर आए जहां होलिका दहन हो रहा हो। होलिका की 7 बार परिक्रमा करें और मन में शीध्र विवाह की प्रार्थना करते हुए पोटली को होलिका की अग्नि को समर्पित कर दे। इस पूरे प्रयोग को गुप्त रखें।
धन प्राप्ति के लिए
52 सिक्के, 5 गोमती चक्र, और 5 हल्दी की गांठ ले। इन्हें एक लाल कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। फिर उस पोटली को होलिका के पास ले जाये और उस पोटली को अग्नि की आंच दिखाएं (सेंक दे ) और घर आकर उस पोटली को अपने घर के पूजा स्थान पर रख दे। फिर हाथ पैर धोकर आसन लगाकर श्री सूक्त का पाठ करें।
नजर दोष के लिए
काले सरसों का उबटन बनाएं और अपने शरीर के सभी हिस्से पर लगाकर उसके मैल को ले जाकर होलीका की अग्नि में छोड़ दे। प्रातः अग्नि की राख का तिलक परिवार के सभी सदस्य करें। ऐसा करने से चाहे कैसा भी दृष्टि दोष हो, नजर लगी हो , सारे दोष दूर हो जाएंगे।
घर की नकारात्मकता दूर करने के लिए
होलिका दहन की राख अपने घर में लाकर चारों कोनों में रख दे। फिर 24 घंटे के बाद उनको उठाकर घर से बाहर फेंक दें।
होलिका दहन की राख को एक डिब्बी में लेकर अपने घर के ईशान कोण पर रख दें।
होलिका की राख काले कपड़े में बांधकर अपने घर के मुख्य द्वार पर लटका दें।
आप अपनी सुविधानुसार इनमे से किसी भी टोटके को कर सकते है। ऐसा करने से आपके घर में कैसी भी नकारात्मक ऊर्जा होगी वो दूर होगी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह प्रारंभ होगा।
किसी भी अन्य जानकारी या सहायता के लिए निःसंकोच संपर्क कर सकते है।
आचार्य श्री कृष्ण मिश्रा
8383044763
Find Pandit Ji - Click here
We continue to improve, Share your views what you think and what you like to read. Let us know which will help us to improve. Send us an email at support@gayajidham.com
Send me the Gayajidham newsletter. I agree to receive the newsletter from Gayajidham, and understand that I can easily unsubscribe at any time.