Pride of Bihar

Pride of Bihar

बिहार का अतीत अत्यंत ही गौरवमयी , वैभवशाली रहा है। बिहार अद्भुत धरा है जिसकी गोद में न जाने कितनी ही सभ्यता-संस्कृतियों ने जन्म लिया।

बिहार की धरती से प्रकाशित अध्यात्म और विज्ञान ने न केवल बिहार को ही प्रकाशित किया वरन समूचे विश्व को अपने ज्ञान के प्रकाश से आलोकित किया।

आपको जानकर हैरानी होगी कि बिहार का भव्य इतिहास ऐतेहासिक युग से लगभग 1 लाख वर्ष पुराना है।

बिहार की धरा पर अपने समय में कई विकसित शहर बसे , फले फुले , उन्नत हुए। प्रमाण स्वरुप कुछ प्रमुख शहर यथा :- मुंगेर , पटना , गया , सोनपुर , चेचर (वैशाली जिला) मनेर आदि का ऐतिहासिक विवरण बहुतायत में उपलब्ध है।

बिहार की धरती पर जितनी बार पुरातात्विक खुदाई हुई उतनी ही बार बिहार का इतिहास पुरातन होता चला गया।

यह सर्वविदित है कि बिहार की धरती में कई स्मृतियाँ शेष हैं , इस पुस्तक के माध्यम से बिहार की उन्ही स्मृतियों को विश्व पटल पर लाने का प्रयास है।

बिहार के बारे में अनेक महत्वपूर्ण जानकारी कई ग्रंथों में मिलती है यथा - शतपथ ब्राहमण , पंचविश ब्राहमण ,गौपथ ब्राह्मण ऐतरेय आरन्यक , कौशिकी आरय्न्क , वाजसनेयी संहिता , महाभारत, रामायण, विष्णुपूराण , प्द्मपुराण , वाराहपूराण।

बिहार की इस पावन धरा पर ऋग्वेद की मंगला चरण की रचना हुई (वाल्मिक रामायण)

पुस्तक हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा में शीघ्र प्रकाशित होने के क्रम में है।

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